क्या संसार में कहीं का भी आप एक दृष्टांत उद्धृत कर सकते हैं जहाँ बालकों की शिक्षा विदेशी भाषाओं द्वारा होती हो। - डॉ. श्यामसुंदर दास।
अवध में राना भयो मरदाना (काव्य)  Click to print this content  
Author:लोक-साहित्य

अवध में राना भयो मरदाना।
पहिल लड़ाई भई बकसर मां सेमरी के मैदाना।
हुवां से जाय पुरवामां जीत्यो तबै लाट घबराना।
नक्की मिले, मानसिंह मिलिगै जानै सुदर्शन काना।
छत्री बंश एकु ना मिलि है जानै सकल जहाना।
भाई बंधु औ कुटुम कबीला सबका करौ सलामा।
तुम तो जाय मिल्यो गोरन ते हमका है भगवाना।
हाथ मा भाला बगल सिरोही घोडा चलै मस्ताना।
कहैं दुलारे सुन मेरे प्यारे यों राना कियो पयाना ।।

[ अवध के राणा वेनीमाधव की वीरता को बखान करता 1857 का लोकगीत। 

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